बिहार चुनाव में जबरदस्त सफलता के बाद असदुद्दीन ओवैसी अब उत्तर प्रदेश में इसे दोहराने के फ़िराक़ में हैं। इसी के तहत ओवैसी अभी उत्तर प्रदेश के अलग – अलग नेताओं के साथ मुलाक़ात कर रहे हैं। ओवैसी लखनऊ में सुहलदेव समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर से मिले। इन दोनों में इस दौरान जबरदस्त गर्मजोशी देखने को मिली। ओवैसी ने समाजवादी पार्टी से अलग होकर अपनी पार्टी बनाने वाले शिवपाल यादव की भी तारीफ की।
राजनीति के जानकारों की माने तो ओवैसी उत्तरप्रदेश की छोटी – छोटी पार्टियों को टारगेट कर रहे हैं। ताकि, उत्तरप्रदेश में भी बिहार वाला कारनामा कर सके। ओवैसी की पार्टी को बिहार में पांच सीटें मिली थी। दक्षिण भारत के किसी पार्टी के लिए ये बहुत बड़ी बात है। ओवैसी ने कहा कि वे अलग – अलग क्षेत्रीय पार्टियों को साथ मिलाकर सूबे में एक नया राजनीति विकल्प लोगों के लिए दे सकते हैं। बाबू सिंह कुशवाहा की जनाधिकार पार्टी, अनिल सिंह चौहान की जनता क्रांति पार्टी, बाबू राम पाल की राष्ट्र उदय पार्टी और प्रेमचंद्र प्रजापति की राष्ट्रीय उपेक्षित समाज पार्टी ने भागीदारी संकल्प मोर्चा के नाम से नया गठबंधन तैयार किया है। यूपी की पिछड़ी जातियों के नेताओं का गठबंधन है।

उत्तरप्रदेश चुनावों में हुई असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री
संयुक्त मोर्चा के सदस्य राजभर और ओवैसी के बीच 2022 चुनावों को लेकर लखनऊ में हुई चर्चा..#UttarPradesh #Ovaisi #AIMIM pic.twitter.com/e2w8h2HROR
— News24 (@news24tvchannel) December 16, 2020
सुहलदेव समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम राजभर में हाल ही में इस गठबंधन की शुरुआत की। ओवैसी से मिलने के बाद राजभर बहुत उत्सुक नज़र आए। उन्होंने कहा कि ओवैसी के समर्थन से उनकी पार्टी को मज़बूती मिलेगी।
The two of us (Suheldev Bharatiya Samaj Party's Om Prakash Rajbhar & he) are sitting before you. We stand together & we'll work under his leadership: AIMIM Chief Asaduddin Owaisi when asked if his party will hold talks with AAP
AAP will fight Uttar Pradesh elections in 2022. pic.twitter.com/qLmirL4AcZ
— ANI UP (@ANINewsUP) December 16, 2020
शिवपाल को ला सकते हैं साथ
मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई और समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता रहे शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी से अलग होकर नई पार्टी बना ली। हालांकि, अब तक इस पार्टी ने उत्तरप्रदेश की राजनीति में कोई उलटफेर नहीं की है। लेकिन, ओवैसी से हाथ मिलकर वो मुस्लिम वोट में सेंध लगा सकते हैं। मालूम हो कि हाल में शिवपाल यादव ने भी ओवैसी की जमकर तारीफ की थी। साथ ही उन्होंने ओवैसी को धर्मनिरपेक्ष का तमगा भी दिया था।
