केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन लगातार चलता जा रहा है। सरकार के तरफ से किसानों को समझाने की तमाम कोशिश की गई, सरकार ने किसानों के साथ कई दौर की मीटिंग की। लेकिन, किसान नहीं माने। आज प्रधानमंत्री ने भी मध्य प्रदेश से कहा कि वो किसानों के साथ हर मुद्दे पर बात करने के लिए तैयार हैं।
न्यूज़ एजेंसी ANI की खबर के मुताबिक किसान नेता दयाल सिंह ने कहा कि “सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई है उसमें हम यकीन नहीं रखते। अगर सरकार बातचीत करके काले कानून वापस लेती है तो ठीक, नहीं तो हम ये मोर्चा नहीं छोड़ेंगे।”

कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी पंजाब के दयाल सिंह ने बताया, "सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई है उसमें हम यकीन नहीं रखते। अगर सरकार बातचीत करके काले कानून वापस लेती है तो ठीक, नहीं तो हम ये मोर्चा नहीं छोड़ेंगे
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 18, 2020
गौरतलब है कि इस मुद्दे पर बुधवार की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमे सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले के निपटारे के लिए कमिटी बनाने का निर्णय लिया। इस कमिटी के केंद्र सरकार, राज्य के प्रतिनिधि और अन्य संगठन के लोग रहेंगे। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने किसान संगठनों को नोटिस भेजा था संगठनों की लिस्ट देने को कहा था।
कहाँ तक जाएगा ये आंदोलन?
किसान आंदोलन अब बीस से भी ज्यादा हो गए हैं लेकिन सरकार अभी तक किसानों को नहीं मना पाई है। किसान दिल्ली को घेड़कर बैठे हुए हैं .ऐसे में किसानों का प्रदर्शन कब तक चलेगा ये कहना मुश्किल लग रहा है।
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