महाराष्ट्र महाराष्ट्र के 100 से अधिक खिलाड़ियों ने सरकारी नौकरी नहीं मिलने के विरोध में राज्य सरकार की तरफ से दिया जाने वाला शिव छत्रपति पुरस्कार लौटाने का फैसला किया है।
अलग-अलग वर्षों में ये खिलाड़ी देश-प्रदेश का नाम रौशन करके ‘शिव छत्रपति अवॉर्ड जीत चुके हैं। अपने-अपने क्षेत्र के इन धुरंधर खिलाड़ियों को अवॉर्ड के साथ सरकारी नौकरी भी देने का वादा सरकार ने किया था। अब जब खिलाड़ी नौकरी माँग रहे हैं, तो सरकार इस माँग को नजरअंदाज कर रही है।

24 फरवरी को दिन तय किया गया है। इस दिन ‘शिव छत्रपति अवॉर्ड’ पाए 103 खिलाड़ी मुंबई पहुँचेंगे। सरकार को अपने-अपने पुरस्कार और प्रमाणपत्र लौटाने के लिए। खिलाड़ियों ने महाराष्ट्र सरकार को शिव जंयती से पहले इस संबंध में फैसला लेने का अनुरोध किया था। 19 फरवरी को शिव जंयती है। ठाकरे सरकार अगर फैसला लेने से चूकती है, तो उनकी खोखली राजनीति एक बार फिर जगजाहिर होगी।
सरकारी नौकरी के अभाव में ‘शिव छत्रपति अवॉर्ड’ पाए कई खिलाड़ियों को किसानी, पेंटिंग और छोटे-मोटे काम कर पेट पालना पड़ रहा है। सोशल मीडिया के माध्यम से विभिन्न जगहों के ये खिलाड़ी आपसे में संवाद किए और सरकार से नौकरी की माँग की। बार-बार नजरअंदाज किए जाने के बाद अब इन लोगों ने अवॉर्ड लौटाने का फैसला किया है।
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