कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने हाल ही में चिट्ठी लिखी है लेकिन आखिर किसके लिए लिखी गई यह चिट्ठी??
राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिख कर यह आरोप लगाया है की उन्हें रक्षा मामलों के संसदीय समिति की बैठक में बोलने की अनुमति नहीं दी गयी है. यह पत्र समिति की बैठक से उनके एवं कुछ और कांग्रेस के सदस्यों के वॉकआउट करने के सन्दर्भ में लिखा गया. वॉकआउट करने का कारण यह बताया गया है की राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दे की बजाय बैठक मैं सशस्त्र बलों की वर्दी पर चर्चा कर समय बर्बाद किया जा रहा था.

राहुल गांधी समिति के समक्ष लद्दाख में चीन की आक्रामकता और सैनिकों को बेहतर उपकरण उपलब्ध कराने से जुड़े मुद्दे उठाने चाहते थे, लेकिन समिति के अध्यक्ष जुएल उरांव (बीजेपी) ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी. राहुल गाँधी लद्दाख में चीन की आक्रामकता को लेकर पिछले कई महीनों से लगातार सरकार पर निशाना साधते आ रहे हैं. पिछले दिनों भाजपा ने उन पर पलटवार करते हुए यह कहा की वह रक्षा मामलों की संसदीय समिति की बैठक में शामिल ही नहीं होते हैं.
राहुल गाँधी के पत्र में यह भी लिखा की संसदीय बैठक में सदस्यों को बोलने की आज़ादी होनी चाहिए और इस आज़ादी को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सुनिश्चित करना चाहिए.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेडकर ने राहुल गाँधी पर आरोप लगाते हुए यह कहा है की उन्होंने संसद से वॉकआउट कर संसद का अपमान किया है जावेडकर ने राहुल गाँधी को संविधान का सम्मान करने की भी सलाह दी.
प्रकाश जावेडकर ने साफ़ शब्दों में यह कहा कि ‘‘संवैधानिक संस्थाओं के प्रति उनकी कितनी आस्था है, वह कल दिखा. रक्षा समिति की बैठक से वह बाहर चले गए. यह संसदीय प्रणाली और संवैधानिक संस्थाओं का अपमान है. राहुल गांधी को संवैधानिक संस्थाओं का आदर करना सीखना चाहिए नहीं तो लोकतंत्र में उनकी कितनी आस्था है, वह कल दिखा. रक्षा समिति की बैठक से वह बाहर चले गए. यह संसदीय प्रणाली और संवैधानिक संस्थाओं का अपमान है. राहुल गांधी को संवैधानिक संस्थाओं का आदर करना सीखना चाहिए नहीं तो लोकतंत्र में उनकी भूमिका और नगण्य होती जाएगी.’’
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