देश की एक आध पार्टियों को छोड़ दें तो बाकी राजनितिक दलों पर परिवारवाद का तोहमत लगा हुआ है। तोहमत इस बात कि, की जब वह उम्र के आखिरी पड़ाव पर होंगे तो उनकी विरासत को कौन संभालेगा। हाल ही में ऐसे कई उदाहरण भी देखने (मुलायम–अखिलेश, रामविलास–चिराग,लालू–तेजस्वी) को मिलें हैं।
मायावती ने ट्वीट के माध्यम से अपने ६५ वे जन्मदिन के शुभ अवसर पर अपने पार्टी के बारे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जानकारी दी-

15-01-2021-BSP PRESS NOTE pic.twitter.com/WENzXqEWeG
— Mayawati (@Mayawati) January 15, 2021
अब यही वजह कि देश की सियासत में दलित राजनीति का चेहरा मानी जाने वाली बसपा प्रमुख मायावती को लेकर राजनितिक गलियारों में कई तरह कि चर्चा चल रही है। इनके विरासत को कौन आगे लेकर जाएगा और बसपा की कमान किसके हाथ में होगी?
— Mayawati (@Mayawati) January 15, 2021
हालांकि, इस फेहरिस्त में एक समय आजमगढ़ के रहने वाले राजाराम का नाम प्रमुख तौर पर लिया जा रहा था। माना गया कि वही आगे चलकर मायावती की गद्दी संभालेंगे, लेकिन धीरे-धीरे अब मायावती के राजनीतिक वारिस के तौर पर एक के बाद एक नाम जुड़ रहे हैं। मायावती के भाई आनंद कुमार से लेकर भतीजे आकाश के नाम लिए जा रहे हैं। इतना ही नहीं पार्टी के कई और भी दलित नेता हैं, जिन्हें मायावती के उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जा रहा है।
— Mayawati (@Mayawati) January 15, 2021
