नंदीग्राम में आज फिर है प्लासी जैसा युद्ध – आज बड़ा बरगद का पेड़ गिरेगा।
आज बंगाल दो रहे पर खड़ा है. राष्ट्र निर्माण की और जायेगा या राष्ट्र विखंडन की और जायेगा, इस बात का फैसला होना है. इस फैसले का असर हम सब पर पड़ेगा, हम सबको इस लड़ाई में हिस्सा लेना चाहिए।
नंदीग्राम,ममता बनर्जी, नरेंद्र मोदी, ये सब प्रतीक मात्र हैं. असली लड़ाई राष्ट्र की है. कल को न नरेंद्र मोदी रहेंगे और न ममता बनर्जी, हम और आप भी नहीं रहेंगे, लेकिन राष्ट्र रहेगा।
यह हमारा धर्म कहता है और यही हमारी राष्टृ चेतना की मांग है।
प्लासी का पहला युद्ध 23 जून 1757 को हुआ था और इस युद्ध से ही भारत की अंग्रेजी दासता की कहानी शुरू होती है। इस युद्ध के समय पूरा समाज दर्शक बन पूरे कौतूहल के साथ युद्ध के परिणाम का इंतजार कर रहा था. यह तब था जब इस युद्ध के परिणाम से हर किसी की जिंदगी बदलने वाली थी. आज वैसा ही अवसर है. इस युद्ध में हिस्सा लीजिए।
हिंदुस्तान में हमेशा ऐसा ही रहा है. हम सोचते हैं की कोई और हमारी लड़ाई लड़ लेगा. हम हमेशा अकर्मण्य भीड़ का हिस्सा बने रहते है. इससे सुरक्षा की झूठी तसल्ली मिलती है।
आज आप सोशल मीडिया से राष्ट्र निर्माण की तरफ बंगाल को ले जाने में अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं। अपील करिये की ज्यादा से ज्यादा लोग वोट करें और राष्ट्र निर्माण के लिए वोट करें।
बंगाल की धरती हिंदुस्तान का इतिहास लिखती है लेकिन आज वही बंगाल की पवित्र धरती क्रंदन कर रही है, कराह रही है. याद रहे अंग्रेजो ने “आज बंगाल कल हिंदुस्तान का नारा दिया था ” और उसे सच भी किया था. उस समय पूरा हिंदुस्तान सिर्फ दर्शक था पर इस बार पूरा हिंदुस्तान बंगाल की लड़ाई लड़ेगा और अपनी भूमिका निभाएगा.
राष्ट निर्माण जीतेगा, राष्ट्र विखंडन हारेगा।
जय हिन्द.
