देश में बामपंथियों की हालत से सब वाक़िफ़ है। अब इनका अस्तित्व महज़ केरला और JNU में रह गया है। बामपंथी लोग इसी ताक में रहते है कि किसी तरीके से अपनी खोई हुई पहचान को वापस कायम कर सके। इसलिए ये लोग हर आंदोलन में घुसपैठ करने के चक्कर में रहते है। चाहे वो किसान आंदोलन हो या कुछ ही महीने पहले चल रहे शाहीन बाग प्रोटेस्ट की बात हो।
किसान आंदोलन में बामपंथियों की घुसपैठ

पिछले 17 दिनों से केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डरों पर आंदोलन कर रहे हैं। मोदी सरकार के कई मंत्री जैसे अमित शाह, नरेंद्र सिंह तोमर और पियूष गोयल से किसानों की बात हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है। इस आंदोलन में कई लोगों ने अपना उल्लू सीधा करने की कोशिश की है। भीम आर्मी से लेकर कांग्रेस तक ने इस आंदोलन फायदा उठाने की कोशिश की लेकिन किसानों ने उनके किसी भी नापाक हरकत को कामयाब नहीं होने दिया।
सरकार हर समय बात के लिए तैयार
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार हर समय किसानों की समस्या को सुनने और उनसे बात करने के लिए तैयार है। मालूम हो कि मोदी मत्रिमंडल और किसान नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है।
राहुल का सरकार से सवाल
राहुल गाँधी ने एक बार फिर से मोदी सरकार पर हमला किया है। राहुल ने मोदी सरकार को अब तक हुई सारी मौतों का जिम्मेदार माना है।
कृषि क़ानूनों को हटाने के लिए हमारे किसान भाइयों को और कितनी आहुति देनी होगी? pic.twitter.com/GSnazbYDoA
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 12, 2020
