मायावती सरकार में हुए सैंडस्टोन सप्लाई घोटाला मामले में छह आरोपियों के खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर ली गई है। प्रशासन की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने 6 आरोपियों पर घोटाले को लेकर मुकदमा चलाने के लिए प्रशासन को मंजूरी दे दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सैंडस्टोन सप्लाई में करोड़ों के घपले का मामला सामने आया है। जिसमें तत्कालीन संयुक्त निदेशक सुहेल अहमद फ़ारुखी, पन्नालाल यादव, अशोक सिंह, इकाई प्रभारी अजय कुमार, सुनील त्यागी, होशियार सिंह को घोटाले के मामले में घेरते हुए कार्यवाही करने के लिए कोर्ट में मामला दर्ज किया गया।
वही 6 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की शासन से मंजूरी मिलने के बाद चार्जशीट के मुताबिक एलडीए के तत्कालीन उपाध्यक्ष हरभजन सिंह समेत कुल 43 अधिकारियों के खिलाफ सबूतों का भी ज़िक्र किया गया, जिसमे पीयूष श्रीवास्तव समेत 40 आरोपियों के खिलाफ सबूतों का ज़िक्र कर मुख्य रूप से दोषियों को शक के घेरे में लिया गया।

ये है पूरा मामला
बसपा सरकार में लखनऊ और नोएडा में स्मारकों का निर्माण किया गया था। साल 2013 में लोकायुक्त ने जांच रिपोर्ट में कहा था कि इसमें 14 अरब से ज्यादा का घोटाला हुआ है। कमीशन और घूसखोरी में रकम खर्च होने की बात सामने आई थी। ईडी इस केस में मनीलांड्रिंग के पहलुओं की जांच कर रहा है।
वर्ष 2007 से लेकर 2012 के बीच लखनऊ और नोएडा में पार्क और स्मारकों का निर्माण लोक निर्माण विभाग, नोएडा प्राधिकरण और पीडब्ल्यूडी ने करवाया था। आरोप है कि स्मारकों में लगे गुलाबी पत्थरों की सप्लाई मीरजापुर से हुई थी, जबकि कागजों पर राजस्थान से दिखाई गई। इस मामले में विजिलेंस ने 1 जनवरी 2014 को गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी और 409 के तहत केस दर्ज किया गया था. इस घोटाले में नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा समेत 19 के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी।
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